हरिद्वार , नवंबर 27 -- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में युवा आपदा मित्र योजना के अंतर्गत सात दिवसीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की में किया गया। यह प्रशिक्षण विशेष रूप से एनसीसी कैडेट्स के लिए आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन आज 10 बटालियन एनसीसी रुड़की के कर्नल एस. चक्रवर्ती ने किया। उन्होंने कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा की घड़ी में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें संवेदनशीलता तथा तत्परता के साथ समाज की सुरक्षा में योगदान देना चाहिए।
मास्टर ट्रेनर मनोज कंडियाल ने प्रशिक्षण के उद्देश्य, मॉड्यूल तथा प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की भविष्य में उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी दी। उद्घाटन सत्र में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत ने राज्य में प्राकृतिक एवं मानवजनित आपदाओं की सवेदनशीलता तथा उनके दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन की महत्ता बताते हुए कैडेट्स को आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005, प्रतिक्रिया प्रणाली और स्थानीय स्तर की संरचना संबंधी महत्वपूर्ण बिंदुओं से अवगत कराया। इस दौरान स्लाइड शो के माध्यम से व्यावहारिक जानकारियाँ भी साझा की गईं।
आईआईटी रुड़की परिसर में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन दिसंबर तक चलेगा, जिसमें एनसीसी कैडेट्स को खोज एवं बचाव, प्राथमिक उपचार, अग्नि सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन तथा आपदा पूर्व तैयारी जैसे विषयों पर सैद्धांतिक और प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण में 38 और 10 यूके बटालियन के कुल 50 एनसीसी कैडेट्स-25 बालक और 25 बालिका-पिथौरागढ़, चंपावत, लोहाघाट और अल्मोड़ा जनपद से प्रतिभाग कर रहे हैं।
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