विजयवाड़ा, सितंबर 28 -- वाईएसआरसीपी डॉक्टर्स विंग के अध्यक्ष डॉ. अंबाती नागा राधाकृष्ण यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार निजीकरण के अपने बेतहाशा प्रयासों और चिकित्सा शिक्षा के अवसरों की जानबूझकर उपेक्षा के माध्यम से संविधान और सबसे कमजोर समुदायों के साथ विश्वासघात कर रही है।

श्रीमती यादव ने यहाँ जारी एक बयान में उन्होंने निजी अस्पतालों द्वारा अत्यधिक शुल्क और अनावश्यक प्रक्रियाओं से मुनाफाखोरी की आलोचना करते हुए कहा कि तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के निजीकरण के लिए खतरनाक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का पाखंडपूर्ण ढंग से अनुसरण किया है।

उन्होंने कहा,"यह निजीकरण अनुच्छेद 15(4), 16(4), 16(4ए) और 46 के तहत संवैधानिक रूप से संरक्षित आरक्षण अधिकारों पर एक ज़बरदस्त हमला है, जिससे इन प्रावधानों को दरकिनार या कमज़ोर करने और पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को किफ़ायती स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक उनकी उचित पहुँच से वंचित करने का ख़तरा है।"उन्होंने आगे कहा कि इन पीपीपी-संचालित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में नौकरियों और नियुक्तियों में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया जाएगा, जिससे हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उम्मीदवारों को गंभीर नुकसान होगा जो रोज़गार के अवसरों के लिए इन सुरक्षाओं पर निर्भर हैं।

उन्होंने आशंका जताई कि पीपीपी मॉडल असमानता को बढ़ाएगा, हाशिए पर धकेले जाने को और गहरा करेगा और सामाजिक न्याय को बुनियादी तौर पर कमज़ोर करेगा।

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