हैदराबाद/रायपुर , नवंबर 20 -- कुख्यात नक्सली और सेंट्रल कमेटी सदस्य माड़वी हिड़मा की आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ में हुई मौत के बाद इस मामले पर नया विवाद खड़ा हो गया है। नक्सलियों ने आंध्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि हिड़मा को मुठभेड़ में नहीं, हिरासत में यातनाओं के बाद मारा गया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) न्यू डेमोक्रेसी ने गुरुवार को एक प्रेस नोट जारी कर केंद्र सरकार और आंध्र प्रदेश पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सूर्यम ने दावा किया है कि हिड़मा की मौत मुठभेड़ में नहीं हुई, बल्कि उसे जीवित पकड़कर पूछताछ के दौरान यातनाएं दी गईं और बाद में उसकी हत्या कर दी गई।

विज्ञप्ति के अनुसार, सूर्यम ने कहा कि सरकारी एजेंसियों ने "फर्जी मुठभेड़" का सहारा लेते हुए हिड़मा की मौत को मुठभेड़ बताया गया है, जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिड़मा को पकड़ने के बाद उससे पूछताछ की गई और कथित रूप से अमानवीय यातनाएं दी गईं। आरोप है कि उसकी मौत के बाद उसका शव पूर्वी गोदावरी के जंगलों में छोड़ दिया गया, ताकि घटना को मुठभेड़ का रूप दिया जा सके।

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