विजयवाड़ा , अक्टूबर 16 -- आंध्र प्रदेश सरकार ने देश में पहली बार नकली शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने और उत्पाद की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक तकनीक-संचालित प्रणाली शुरू की है।

मुख्यमंत्री ने रियल-टाइम गवर्नेंस सोसाइटी (आरटीजीएस) की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि यह पहल शराब व्यापार में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगी और इस बात पर ज़ोर दिया कि उपभोक्ताओं को खरीदारी से पहले हर बोतल का क्यूआर कोड स्कैन करके उसकी पुष्टि करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अवैध 'बेल्ट शॉप्स', जो बिना लाइसेंस वाली शराब की दुकानें हैं, के खिलाफ भी चेतावनी दी और अधिकारियों को अनधिकृत बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ निवारक निरोध अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसी को भी न बख्शें, चाहे उसके राजनीतिक संबंध किसी भी हों।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शराब की दुकानों पर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाने का निर्देश दिया, जिसमें बोतल स्कैन होते ही कीमत, निर्माण संबंधी आंकड़े और प्रामाणिकता जैसी जानकारी दिखाई दे। उन्होंने नकली शराब को पूरी तरह से खत्म करने के लिए राज्य भर में सघन निरीक्षण के भी आदेश दिए।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि 13 अक्टूबर को सुरक्षा ऐप के लॉन्च होने के बाद से, 27,000 से ज़्यादा उपयोगकर्ताओं ने इसे डाउनलोड किया है और 53,000 से ज़्यादा बोतलों को स्कैन किया जा चुका है। इस प्रणाली के ज़रिए अब तक कोई नकली बोतल नहीं मिली है।

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