अहमदाबाद , नवंबर 27 -- पश्चिम रेलवे में अहमदाबाद के मंडल रेल प्रबंधक वेदप्रकाश ने गांधीधाम स्थित अत्याधुनिक (जीडीएलजी) गवरमेंट डीज़ल लोको मेंटेनेंस शेड का निरीक्षण किया और कहा कि यह वास्तव में भारतीय रेल के लिए दिशा-निर्देशक मॉडल है।
श्री वेदप्रकाश ने निरीक्षण के दौरान शेड की सुव्यवस्थित कार्यप्रणाली, साफ-सुथरे वातावरण, उन्नत तकनीकी सुविधाओं तथा कर्मचारी-क्षमता की सराहना करते हुए कहा, "यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया का एकमात्र ऐसा शेड है, जहां इतनी योजना, गुणवत्ता और दक्षता के साथ हाई हॉर्सपावर इंजनों का मेंटेनेंस किया जाता है। यहां न ऑयल लीकेज है और न ही किसी प्रकार की गंदगी। यह वास्तव में भारतीय रेल के लिए दिशा-निर्देशक मॉडल है।" मिठीरौहर के निकट स्थित यह शेड भारतीय रेल के सबसे महत्वपूर्ण मेंटेनेंस केंद्रों में से एक है, जहां उच्च क्षमता वाले 250 लोकोमोटिव का विश्वस्तरीय रखरखाव किया जाता है।
इस शेड की क्षमता कुल 250 लोकोमोटिव (213 लोको - 4500 एचपी, 37 लोको - 6000 एचपी) के नियमित मेंटेनेंस की है। लोकोमोटिव यहां से निकलकर पूरे देश में 95,000 किमी तक बिना किसी प्रमुख समस्या के लगातार संचालित रहते हैं। छह ट्रैक वाले इस शेड में नियमित रूप से पांच लाइनों का उपयोग होता है। हर लाइन पर क्रेन प्रणाली उपलब्ध है, जिससे किसी भी लाइन पर किसी भी समय कार्य आसानी से किया जा सकता है। यह शेड 1,19,437.500 वर्ग मीटर (29.513 एकड़) क्षेत्र में विकसित किया गया है और देश के अन्य शेड से बिल्कुल अलग, योजनाबद्ध लेआउट रखता है।
शेड में 24गुणा7 उपलब्ध प्रॉम्प्ट रेस्पॉन्स टीम (पीआरटी) और हेल्पलाइन के माध्यम से किसी भी लोकोमोटिव में आई समस्या पर त्वरित तकनीकी सहायता दी जाती है। ट्रेन चालक को रास्ते में किसी कठिनाई का सामना होने पर सीधे गांधीधाम शेड से ही मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। यहाँ इंजनों का मेंटेनेंस उतने ही समय में पूरा कर दिया जाता है, जितना समय कंडला-मुंद्रा बंदरगाह पर लोडिंग-अनलोडिंग में लगता है, जिससे माल ढुलाई की दक्षता कई गुना बढ़ती है।
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