गुवाहाटी , अक्टूबर 04 -- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की मौत की केंद्रीय जांच की कई नेताओं की 'समन्वित' मांगों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन मांगों का समय और लहजा संदिग्ध प्रतीत होता है।
श्री सरमा ने एक फेसबुक लाइव संबोधन में इवेंट मैनेजर श्यामकानु महंत, कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया और रायजोर दल के अध्यक्ष अखिल गोगोई द्वारा हाल ही में की गई अपीलों का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने जांच को असम पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की थी। श्री सरमा ने पूछा, "हाल ही में श्यामकानु महंत, कांग्रेस असम और अखिल गोगोई सभी एक ही मांग कर रहे हैं कि उन्हें असम पुलिस पर भरोसा नहीं है और एक केंद्रीय एजेंसी को प्रिय जुबीन की मौत की जांच करनी चाहिए। क्या यह संयोग है कि ये सभी एक ही स्वर में बोल रहे हैं?"मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हालांकि लोग अदालतों या सोशल मीडिया अभियानों के जरिए न्याय पाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन इन मांगों का लगभग एक साथ उठना सवाल खड़े करता है। उन्होंने एक संभावित राजनीतिक साजिश की ओर इशारा करते हुए कहा, "कभी-कभी यह अनायास होता है और कभी-कभी यह सायास किया जाता है।" गौरतलब है कि असम के सबसे प्रसिद्ध गायकों में से एक जुबीन गर्ग का पिछले महीने सिंगापुर में निधन हो गया, जिससे पूरे राज्य और उसके बाहर शोक की लहर दौड़ गई। उनकी मृत्यु जल्द ही एक राजनीतिक विवाद का विषय बन गई, जहां आरोप, अटकलें और निष्पक्ष जांच की मांगें सार्वजनिक चर्चा में छा गईं।
असम सरकार ने जुबीन की मृत्यु की जांच के लिए राज्य सीआईडी के तहत एक विशेष जांच दल का गठन किया था, लेकिन राजनीतिक विचारधाराओं में संशय बना हुआ है। दिवंगत गर्ग के एक करीबी सहयोगी और सांस्कृतिक कार्यकर्ता श्यामकानु महंत ने चल रही जांच के बीच अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए देश की शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है।
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