नयी दिल्ली , दिसंबर 28 -- रेलवे ने इस साल अवसंरचना विस्तार, यात्रियों की सुविधा, माल ढुलाई और सुरक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है, जिससे 2026 में तेज, सुरक्षित और अधिक आधुनिक रेल यात्रा की मजबूत नींव रखी गयी है।
रेलवे ने रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि इस साल रेलवे ने नवाचार, स्वदेशीकरण, ट्रैक नवीनीकरण और फिर से विकसित स्टेशनों पर हवाई अड्डे जैसी सुविधाएं प्रदान कर देश में रेल यात्रा को नया रूप देने का काम किया है। स्थानीय व्यंजन और स्वच्छता में सुधार यात्रियों के सफर को यादगार बना रही है। ट्रैकों का नवीनीकरण तेज, सुरक्षित और आरामदायक ट्रेन यात्रा सुनिश्चित करने का काम किया गया है। कवच, सुरक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धि (एआई) का उपयोग और सतर्क लोको पायलटों ने ट्रेन दुर्घटनाओं को काफी कमी की है।
विज्ञप्ति के अनुसार पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन जल्द ही चालू होने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो यात्रियों की आवाजाही को बढ़ाएंगी। रेलवे ने कहा है कि आम आदमी के लिए आरामदायक यात्रा की दिशा में कदम उठाते हुए रेलवे ने इस साल देश भर में 13 नयी अमृत भारत ट्रेनें शुरू की, जिससे इन कुल संख्या अब 30 हो गयी है।
रेलवे ने कहा है कि नियमित सेवाओं के अलावा रेलवे ने अतिरिक्त भीड़ को संभालने के लिए इस साल 43,000 से अधिक विशेष ट्रेन सेवाएं संचालित कीं, जिनमें महाकुंभ के लिए 17,000 से अधिक ट्रेन सेवाएं शामिल हैं। उन्नत शौचालय, लिफ्ट/एस्केलेटर, फूड कोर्ट, आधुनिक प्रतीक्षालय जैसी सुविधाओं के साथ 155 पूरी तरह से आधुनिक स्टेशन रेल यात्रियों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान कर रहे हैं। वहीं 1182 अमृत भारत स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
रेलवे के मुताबिक सभी मौसम में क्षेत्रीय एकीकरण को मजबूत करते हुए कश्मीर और मिजोरम के लिए यात्री और मालगाड़ियों दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने का काम किया है।
रेलवे ने कहा है कि नया पंबन पुल तीर्थयात्रा और पर्यटन को बढ़ाने, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने और आने वाले समय में भारत-श्रीलंका परिवहन लिंक के लिए द्वार खोलने का काम किया है। इस साल 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की 42 परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गयीं। वहीं 2029-30 तक 3,000 मीट्रिक टन वार्षिक लोडिंग लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मालवाहक बन गया हैरेलवे के अनुसार गति शक्ति कार्गो टर्मिनल और वैगनों का रिकॉर्ड उत्पादन माल ढुलाई विकास की कहानी को आगे बढ़ा रहा है। समर्पित माल गलियारे प्रतिदिन 400 से अधिक ट्रेनें चल रही हैं। स्वदेशी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दे रहे हैं, जो घरेलू और वैश्विक मांग के अनुरूप हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार रेलवे ने अप्रैल से नवंबर के बीच 900 किलो मीटर से अधिक नयी रेल लाइनें शुरू कीं और 6,880 किमी रेल का नवीनीकरण किया गया। प्रमुख मार्गों पर सेक्शनल गति बढ़कर 130 किमी प्रति घंटा पहुंच गयी है। वहीं ब्रॉड-गेज नेटवर्क का 99.2 प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया, जिससे भारत विश्व स्तर पर कई प्रमुख रेल प्रणालियों से आगे निकल गया।
रेलवे ने कहा है कि सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों के लगातार विस्तार के साथ यात्री सेवाओं में बड़े सुधार हुए। देश में 26 दिसंबर तक कुल 164 वंदे भारत ट्रेन संचालित हो रही था, जिनमें इस साल 15 नई ट्रेन शुरू की गयी हैं। सुरक्षा परिणामों में तेजी से सुधार हुआ है, जिससे इस साल महज 11 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। स्वदेशी रूप से विकसित कवच स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली को 738 रूट किलोमीटर में चालू किया गया, जबकि सीसीटीवी निगरानी का विस्तार 1,700 से अधिक स्टेशनों और लगभग 12,000 कोचों तक किया गया।
रेलवे के अनुसार अवसंरचना विकास के मामले में, 2025 में कई बड़ी परियोजनाएं पूरी हुई, जिनमें उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक शामिल है, जो कश्मीर को हर मौसम में रेल कनेक्टिविटी देता है। इसके साथ बैराबी-सैरंग रेल लाइन जो आइजोल को नेशनल रेल नेटवर्क से जोड़ती है और तमिलनाडु में नया पंबन वर्टिकल-लिफ्ट समुद्री पुल शामिल है।
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