नयी दिल्ली, सितंबर 30 -- सरकार ने मुद्रास्फीति और रेपो दर में कमी के बावजूद बचतकर्ताओं के अनुकूल निर्णय के तहत अल्प बचत योजनाओं (एसएसएस) पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2025) के लिए ब्याज की दरों को वर्तमान स्तर पर बनाये रखने का निर्णय लिया है।
इस फैसले के तहत तीसरी तिमाही के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) पर ब्याज 8.2 प्रतिशत सालाना, मासिक आय खाता योजना पर 7.4 प्रतिशत, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर 7.7 प्रतिशत, लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर 7.1 प्रतिशत, किसान विकास पत्र (115 महीनों की परिपक्वता) पर 7.5 प्रतिशत तथा सुकन्या समृद्धि खाता (एसएसए) पर ब्याज की वार्षिक दर 8.2 प्रतिशत लागू रहेगी।
अल्प बचत श्रेणी में आने वाली अन्य योजनाओं पर भी अगली तिमाही के लिए वर्तमान दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में रिजर्व बैंक की नीतिगत दर रेपो रेट 6.5 प्रतिशत थी जो फरवरी और अप्रैल में 0.25-0.25 अंक और जून में 0.50 अंक की बड़ी कटौती के बाद इस समय 5.5 प्रतिशत है। अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर 2.07 प्रतिशत थी।
जनवरी से अब तक 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों पर यील्ड (निवेश प्रतिफल) करीब 6.78 प्रतिशत के दायरे से घट कर 6.48 के दायरे में आ गया है।
लघु बचत योजनाओं की दरों में पिछला संशोधन जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में हुआ था। उस समय सरकार ने तीन साल की सावधि जमा दर को 7.0 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया था, और सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसए) की दर 8.0 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत कर दी थी। उस समय अधिकतर अन्य योजनाओं की दरें अपरिवर्तित रखी गयी थीं।
सरकार पीपीएफ जैसी योजनाओं पर ब्याज दर की तिमाही समीक्षा में दस साल की सरकारी ऋण प्रतिभूतियों के औसत प्रतिफल पर गौर करती है।
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