अलवर , नवंबर 10 -- राजस्थान में अलवर के सबसे बड़े शिशु अस्पताल के विकास पर आठ करोड़ रुपए खर्च होंगे और यह राशि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) से मंजूर हो गई है।

सोमवार को केंद्रीय मंत्री एवं अलवर सांसद भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में जिला परिषद में आयोजित 'दिशा' की बैठक में आठ करोड़़ रुपए की राशि को मंजूरी दी गई।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के बजट घोषणा में अलवर के शिशु वार्ड को शिशु अस्पताल बनाने की घोषणा की थी। उसके बाद अब अस्पताल के विकास को लेकर यह राशि दी गई है। बैठक में वन राज्य मंत्री संजय शर्मा भी मौजूद थे।

बैठक के बाद श्री यादव ने कहा कि दिशा की बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले आवास, केंद्रीय निधि से बन रहे आरओबी एवं सड़क, किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं सांसद निधि के विकास कार्यों की समीक्षा की गई।

बैठक में अलवर में खेल, स्वास्थ्य, कौशल विकास के क्षेत्र में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गये। करीब 30 करोड़ के निगरानी कोष के प्रस्ताव पास हुए। शिशु अस्पताल के विकास की बात लंबे समय थी। जिसके लिए आठ करोड़ रुपए देना मंजूर हुआ है। इसके अलावा गांवों एवं शहरों में खेल में आठ करोड़ रुपए के स्टेडियम एवं 36 पुस्तकालय बनाये गये हैं।

इस अवसर पर वन राज्यमंत्री संजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अलवर के शिशु वार्ड को शिशु अस्पताल बनाते समय आठ करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की थी। आने वाले समय में आमजन को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले। इसे ध्यान में रखते हुए काम होंगे। अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस एवं खनन विभाग को निर्देशित किया गया है।

उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के शिशु विभाग का उन्नयन किया जायेगा। अस्पताल के शिशु वार्ड में 22 स्वीकृत बेड के मुकाबले 107 बेड का संचालन किया जा रहा है और रोज 500 मरीजों का भार है।

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