अलवर , नवम्बर 25 -- राजस्थान में अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में भारतीय सेना की ओर से दो दिवसीय आर्मी मेले का शुभारंभ मंगलवार को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव एवं राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने किया।

इस दौरान बड़ी संख्या में शहरवासी भी इस आयोजन में पहुंचे। इस मेले को देखने के लिए स्कूली बच्चे भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। इस भव्य आयोजन का उद्देश्य सैन्य उपकरणों, आधुनिक तकनीकों, युद्धक क्षमताओं और विभिन्न सैन्य गतिविधियों को आम नागरिकों के सामने प्रदर्शित करना है।

इस अवसर पर श्री यादव ने सेना द्वारा लगाये गये मेले में अपनी क्षमता और शौर्य पराक्रम के प्रदर्शन के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सेना अपने पराक्रम से अनुशासन, बुद्धिमत्ता और कर्तव्यों का भान कराती है और यह अलवर के लिए विशेष इसलिए है क्योंकि अलवर का स्थापना दिवस भी है। उन्होंने बताया कि दुनिया में आतंकवाद से लड़ने का संदेश हमारी सेना ने दिया। यह मेला नौजवानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिन्होंने अब तक बाहर से हमारी सेना देखी है, वे अपनी सेना को नजदीकी से देख सकते हैं। वे जान सकते हैं कि हमारी सेना पूरी तरह स्वदेशी तकनीकी के आधार पर समर्थ और साजो-सामान से परिपूर्ण है।

श्री यादव ने कहा कि अभी ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन देश को धूल चटाई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पूरे देश ने देखा कि भारतीय सेना ने भारत की सुरक्षा और सम्मान के लिए ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मन को 100 किलोमीटर अंदर जाकर सटीक निशाना साधकर जवाब दिया और दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पूरे भारत को भारतीय सेना पर गर्व है। 'नो योर आर्मी' कार्यक्रम विशेष रूप से युवाओं के लिए आयोजित किया गया है, ताकि वे देश की सेना को करीब से समझ सकें। उन्होंने कहा कि आने वाला समय नयी तकनीक का है और भारत की सेना स्वदेशी हथियारों से आगे बढ़ रही है। विकसित भारत की कल्पना मजबूत भारत, समर्थ भारत और सुरक्षित भारत भारतीय सेना से ही की जा सकती है।

इस मेले में सैन्य उपकरणों, क्षमताओं और विभिन्न अनुभवों को आमजन के समक्ष प्रदर्शित किया गया है। 'नो योर आर्मी' मेले में सेना के आधुनिक हथियारों, टैंकों, तोपों और निगरानी प्रणाली की प्रदर्शनी लगायी गयी है।

मेले के मुख्य आकर्षण का केंद्र पिनाका मल्टी बैरल लॉन्चर सिस्टम रहा, जिसकी वर्तमान रेंज 60 किलोमीटर है और भविष्य में इसे बढ़ाकर 300 किलोमीटर तक करने की तैयारी है। यह पूरी तरह भारत में स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है।

इसकी क्षमता को देखते हुए फ्रांस और अन्य देशों ने भी इसमें रुचि दिखाई है। ऑपरेशन सिंदूर में इस रॉकेट सिस्टम का सफल उपयोग किया गया था। इसके साथ ही बोफोर्स गन सिस्टम की भी प्रदर्शनी लगायी गयी, जो 30 किलोमीटर तक अचूक निशाना लगाने की क्षमता रखती है। यह सिस्टम दुश्मन के टैंकर, बंकर को सटीक निशाना बनाकर तबाह करने में सक्षम है। इस अवसर पर सेना ने बोफोर्स का सजीव प्रदर्शन करके दिखाया। इसके तहत पहले सेना की ओर से तीन ड्रोन भेजे गये, जिन्होंने दुश्मन की मौजूदगी की सूचना भेजी और इसके बाद बोफोर्स सिस्टम से उस ठिकाने को उड़ा दिया गया। इसी के साथ प्रदर्शनी में ब्रह्मोस मिसाइल और अलग रायफलों का भी प्रदर्शन किया गया।

इस मेले में सेना के जवानों ने मोटर बाइक स्टंट, बैलेंसिंग कौशल और युद्धाभ्यास का आकर्षक प्रदर्शन किया।

इस आर्मी मेले का मुख्य उद्देश्य है देशवासियों, खासकर युवाओं को भारतीय सेना की ताकत से परिचित कराने के साथ ही उनमें देशभक्ति की भावना को आगे बढ़ाना है।

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