अलवर , नवम्बर 19 -- राजस्थान में अलवर जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 23 से 26 नवम्बर तक आयोजित होने वाला मत्स्य उत्सव इस वर्ष सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहेगा।
चार दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में शाम के समय दर्शकों के लिए विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया है, जिनमें देश और प्रदेश की विविध लोक एवं शास्त्रीय परंपराओं की झलक देखने को मिलेगी।
पर्यटन विभाग की उप निदेशक टीना यादव ने बुधवार को बताया कि 23 नवम्बर को मत्स्य उत्सव के पहले दिन शाम सात बजे से पुरजन विहार में संगीता सिंघल के नेतृत्व में प्रसिद्ध कथक कलाकार समूह कथक-सूफ़ी संगीत की अपनी मनमोहक प्रस्तुति देंगे। इसी कडी में दूसरे दिन 24 नवंबर को महाराष्ट्र की ऊर्जा से भरपूर लावनी नृत्य, गुजरात की परंपरागत लोक प्रस्तुतियां और मणिपुर का आकर्षक एवं अद्वितीय ढोल चोलम नृत्य दर्शकों को एक अलग ही सांस्कृतिक अनुभूति प्रदान करेगा। इसके साथ ही बीकानेर की प्रसिद्ध चरी नृत्य प्रस्तुति भी मत्स्य उत्सव का प्रमुख आकर्षण होगी।
उन्होंने बताया कि 25 नवंबर को मूसी महारानी की छतरी पर आयोजन की विशेष झलक होगी पद्मश्री गुलाबो द्वारा प्रस्तुत कालबेलिया नृत्य, जो मत्स्य उत्सव की सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय मंच पर और भी भव्यता प्रदान करेगा। साथ ही अतुल्य अलवर के इस महोत्सव में स्थानीय कलाकारों को भी मंच दिया जाएगा, ताकि वे अपनी कला को बड़े स्तर पर प्रस्तुत कर सकें।
श्रीमती यादव ने बताया कि मत्स्य उत्सव के अवसर पर 25 नवंबर को पुरजन विहार में योग और मेडिटेशन के समावेश से प्रातः सात बजे से 'योगा फोर ऑल' कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम समन्वयक वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. पवन सिंह शेखावत ने बताया कि कार्यक्रम में योग से जुड़े सभी प्रमुख संस्थान पतंजलि योग संस्थान, भारतीय योग संस्थान, कल्पतरु योग संस्थान, हार्टफुलनेस सेंटर, गांधी स्वास्थ्य सदन समिति एवं योग प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान, ब्रह्म कुमारी योग संस्थान इत्यादि प्रमुख संस्थानों के संस्था प्रमुख, योग शिक्षक, योग साधक एवं आमजन शामिल होंगे।
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