हरिद्वार,22नवम्बर(वार्ता) शीतकाल की दस्तक के साथ ही शनिवार से उत्तराखंड का नरेन्द्रनगर वन प्रभाग मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को लेकर पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है।
प्रभाग के नरेन्द्रनगर एवं शिवपुरी रेंज में वन्यजीव गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जा रही है, जिसके लिए फील्ड स्टाफ को नियमित गश्त बढ़ाने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग आधुनिक संसाधनों-कैमरा ट्रैप, फोक्स लाइट और ड्रोन-का उपयोग कर संवेदनशील क्षेत्रों पर निगरानी मजबूत कर रहा है। साथ ही ग्राम सभाओं में जन-जागरूकता बैठकों का भी आयोजन किया जा रहा है।
वन क्षेत्राधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि शीतकालीन परिस्थितियों को देखते हुए टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ग्रामीणों की मांग पर पिछले माह विभिन्न क्षेत्रों (गजा, खाड़ी, आगराखाल, हिंडोलाखाला, नरेन्द्रनगर और मुनिकीरेती) से करीब 200 बंदरों को रेस्क्यू कर चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा गया।
उन्होंने बताया कि चिन्हित संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाई गई है और किसी भी सूचना पर तत्काल रिस्पॉन्स सुनिश्चित किया जा रहा है। जोशी ने कहा कि वन्यजीव प्रकृति का अभिन्न अंग हैं और उन पर नियंत्रण संभव नहीं, लेकिन जन-जागरूकता और जनसहभागिता से मानव-वन्यजीव संघर्ष को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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