चेन्नई , अक्टूबर 16 -- पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में स्थापित किये जाने वाले लिए दुनिया के सबसे बड़े वाणिज्यिक संचार उपग्रह, ब्लूबर्ड 6 को प्रक्षेपण के लिये आज सुबह भारत लाया गया।
इस अमेरिकी उपग्रह को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सबसे भारी एलवीएम3 रॉकेट से प्रक्षेपित किया जायेगा।
अमेरिकी सेलुलर ब्रॉडबैंड प्रदाता एएसटी स्पेसमोबाइल द्वारा विकसित लगभग 6,500 किलोग्राम वजनी ब्लूबर्ड 6 उपग्रह को दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक विमान एंटोनोव के ज़रिये ले जाया गया है जो आज सुबह चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इस मालवाहक विमान को यूक्रेन में विकसित किया गया है।
इसरो के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि सीमा शुल्क निकासी के बाद उपग्रह के शुक्रवार/शनिवार तक श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र स्थित प्रक्षेपण स्थल पर पहुँचने की उम्मीद है। भारी यातायात से बचने के लिए रात के समय सड़क मार्ग से उपग्रह को ले जाने की योजना बनायी गयी है।
उपग्रह को दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 के बीच किसी समय प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है, हालांकि निश्चित तारीख अभी तय नहीं हुयी है। यह एलवीएम 3 का दूसरा वाणिज्यिक उपग्रह ब्रॉडबैंड प्रक्षेपण मिशन है। इससे पहले 2022 और 2023 में दो प्रक्षेपणों में 72 वनवेब उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया था।
ब्लूबर्ड 6 प्रक्षेपण संबंधी समझौते को भारतीय अंतरिक्ष विभाग की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) द्वारा कियान्वित किया गया है। ब्लूबर्ड 7 के अक्टूबर के अंत में अपने प्रक्षेपण स्थल पर पहुँचने की उम्मीद है, जबकि ब्लूबर्ड 8 से 16 उत्पादन के विभिन्न चरणों में हैं।
एएसटी की 2025 और 2026 तक प्रत्येक एक से दो महीने की अवधि में इन उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना है। कंपनी ने वर्ष 2026 की शुरुआत में ब्रिटेन, जापान और कनाडा में अपना विस्तार करने की योजना बनायी है।
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