वाशिंगटन , नवंबर 13 -- अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) कार्यक्रमों के लिए सामग्री की आपूर्ति करने के मामले में भारत , चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, और अन्य क्षेत्रों में 32 संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
अमेरिकी वित्त विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि इन प्रतिबंधित कंपनियों में एक भारतीय कंपनी फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है। उस पर मिसाइल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण रासायनिक पूर्व-उत्पाद उपलब्ध कराने का आरोप है। भारतीय कंपनी एमवीएम पार्टनरशिप नेटवर्क का हिस्सा थीं जिसने 2023 से चीन से सैकड़ों मीट्रिक टन मिसाइल प्रणोदक सामग्री खरीदी है। इन सामग्रियों का उपयोग अमोनियम परक्लोरेट के निर्माण में किया जाता है जो ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर्स का एक प्रमुख घटक है।अमेरिका का आरोप है कि इस भारतीय कंपनी ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन प्रोग्राम्स के लिए सामग्री और टेक्नोलॉजी मुहैया कराई।
वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) की ओर से यह कार्रवाई, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, चीन, हांगकांग, भारत, जर्मनी और यूक्रेन में 32 व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रभावित करने वाले एक व्यापक प्रतिबंध पैकेज का हिस्सा है।यह कदम ईरान की सैन्य क्षमताओं पर अंकुश लगाने के अमेरिकी प्रयासों को दर्शाता है। प्रतिबंधित कंपनियाँ कथित तौर पर ईरान के हथियार उत्पादन का समर्थन करने वाले कई खरीद नेटवर्क का हिस्सा थीं।
ये प्रतिबंध ईरान द्वारा अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं को "पूर्ण रूप से पूरा न करने" के जवाब में 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा फिर से लागू किए गए उपायों के पक्ष में हैं। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से इन पुनः लागू किए गए दायित्वों को लागू करने का आह्वान किया, जिसमें ईरान की प्रसार गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उपाय शामिल हैं।
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