नयी दिल्ली , अक्टूबर 18 -- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत सौहार्दपूर्ण वातावरण में चल रही है लेकिन उन्होंने इस सवाल पर टिप्पणी करने से मना कर दिया कि समझौता कब तक हो जाएगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी समझौते में भारत के किसानों, मछुआरों और छोटे उद्यमों सहित देश के बुनियादी हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

श्री गोयल ने यहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ जीएसटी सुधार के प्रभाव पर एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में सवालों का जवाब देते हुए भारत-अमेरिका व्यापार समझौता वार्ता के बारे में कहा, "मेरा मानना है कि वार्ता बहुत सौहार्दपूर्ण वातावरण में आगे बढ़ रही है और मैंने कई बार कहा है कि मुक्त व्यापार समझौते या व्यापार वार्ता कभी भी समय सीमा पर आधारित नहीं होती। " उन्होंने दोहराया कि अमेरिका के साथ " व्यापार वार्ता बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।"वाणिज्य मंत्री ने कहा यह सरकार राष्ट्र के हितों - भारत के किसानों, भारत के मछुआरों, भारत के सूक्षम, लघु और मझोले उद्यम क्षेत्र - के हितों पर कोई समझौता नहीं करेगी। वार्ता जारी है और जब हम किसी निर्णय पर पहुँचेंगे तो हम आपको अवश्य सूचित करेंगे।"श्री गोयल ने अमेरिकी शुल्कों और अन्य भू राजनीतिक परिस्थितियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि, "अंतरराष्ट्रीय कठिनाइयों के बावजूद, बेहद अस्थिर और अशांत अंतरराष्ट्रीय माहौल में, भारत इतनी तेज़ी से प्रगति कर रहा है कि अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) को भी इस वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अपने पूर्वानुमान को बढ़ा कर 6.6 प्रतिशत करना पड़ा ।" उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बीच भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की है।

अमेरिका में भारत पर 50 प्रतिशत के ऊंचे आयात शुल्क के बारे में उन्होंने कहा कि भारत का आयात बढ रहा है और इस साल भी इसमें वृद्धि बनी रहेगी। उन्होंने कहा "इन सभी अनिश्चितताओं के बावजूद, पहले छह महीनों के निर्यात में कुल मिलाकर लगभग छह प्रतिशत या सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है। और व्यापारिक वस्तुओं के मामले में भी, हमने पहले छह महीनों में वृद्धि की कहानी जारी रही है। इसमें देश का जुझारूपन है, आत्मविश्वास दिखता है। दुनिया भर में हमारे उत्पादों और सेवाओं की मांग है, और भारत वृद्धि पथ पर आगे बढ़ता रहेगा, और हमें विश्वास है कि हम वित्त वर्ष 2025-26 को भी निर्यात में वृद्धि के साथ पूरा करेंगे।"वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जो क्षेत्र अमेरिकी शुल्कों से प्रभावित हैं, चाहे वह कपड़ा हो या समुद्री उत्पाद, वे अपने फेडरेशन, या समूह आदि के साथ हमसे बात कर रहे हैं।" उन्होंने साथ में यह भी कहा कि अभी किसी क्षेत्र की ओर से ऐसा कोई आंकड़ा नहीं दिया गया है कि उस पर शुल्कों का कितना असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय को ऐसे क्षेत्रों की ओर से इस पर और जानकारी का इंतजार रहेगा।

इस बीच वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार किसी क्षेत्र विशेष के लिए निर्यात का कोई विशेष पैकेज लाने में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती क्यों कि अमेरिका से बातचीत चल रही है और समझौते की अच्छी उम्मीद बनी हुई है। अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी में कटौती घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी खुराक है।

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