वाशिंगटन, सितंबर 27 -- अमेरिका की चीन का मुकाबला करने के लिए हज़ारों अत्याधुनिक ड्रोन तैनात करने की योजना अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाई है।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इस पहल में चीन का मुकाबला करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हज़ारों ड्रोन खरीदना और तैनात करना शामिल था। दो साल पहले शुरू किया गया रेप्लिकेटर कार्यक्रम फरवरी-अगस्त 2025 में लागू होना था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी सैन्य कर्मियों को यह समझने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा कि इस कार्यक्रम की कुछ प्रणालियों का ज़मीनी स्तर पर कैसे उपयोग किया जाए। कुछ रेप्लिकेटर प्रणालियाँ अपर्याप्त रूप से विश्वसनीय, अत्यधिक महंगी और उत्पादन में समय लेने वाली साबित हुईं, इसलिए अमेरिकी अधिकारी उन्हें आवश्यक मात्रा में खरीदने में असमर्थ रहे।
सूत्रों के अनुसार रेप्लिकेटर कार्यक्रम के तहत खरीदे गए ड्रोनों में से एक स्विचब्लेड 600, यूक्रेन में तैनात किया गया था, जहाँ यह संचार व्यवधान के प्रति संवेदनशील साबित हुआ।पेंटागन ने रेप्लिकेटर कार्यक्रम के कार्यान्वयन की अपर्याप्त गति के कारण इसे किसी अन्य एजेंसी को हस्तांतरित कर दिया।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी के पास पेंटागन को आवश्यक ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए दो साल से भी कम समय होगा।
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