वाशिंगटन , अक्टूबर 21 -- अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने चीन के एकाधिकार को तोड़ने के लिए सोमवार को 'महत्वपूर्ण खनिजों' पर समझौता किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने व्हाइट हाउस में समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए दोनों देश के शीर्ष नेताओं ने इस समझौते को सहयोगियों के बीच 8.5 अरब डॉलर (7.3 अरब यूरो) का सौदा बताया।

श्री ट्रंप ने चीन के एकाधिकारवादी मानसिकता पर तंज कसते हुये कहा, "लगभग एक साल बाद हमारे पास इतने महत्वपूर्ण खनिज और दुर्लभ मृदा खनिज होंगे कि आपको समझ नहीं आएगा कि उनका क्या करें। उनकी कीमत दो डॉलर होगी।" वहीं श्री अल्बानीज ने संतुलित रुख अपनाते हुये कहा कि यह समझौता अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को 'अगले स्तर' पर ले जाएगा।

इस महीने की शुरुआत में बीजिंग ने घोषणा की थी कि विदेशी कंपनियों को चीन से आने वाले या चीनी तकनीक से उत्पादित दुर्लभ मृदा पदार्थों की थोड़ी सी भी मात्रा वाले वस्तुओं के निर्यात के लिए चीनी सरकार से अनुमति लेनी होगी। ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि इससे चीन को वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक शक्ति प्राप्त हो जायेगी।

इस समझौते को ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों के बाजार में चीन के प्रभुत्व का मुकाबला करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया में कई महत्वपूर्ण खनिज हैं जिनकी अमेरिका को जरूरत है, क्योंकि लड़ाकू विमानों और इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर लैपटॉप और फोन तक हर चीज में इनकी आवश्यकता होती है।

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