आणंद , नवम्बर 05 -- गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ अमूल) को आईसीए वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर, 2025 की रिपोर्ट के अनुसार प्रति व्यक्ति जीडीपी प्रदर्शन के आधार पर विश्व की नंबर एक सहकारी संस्था के रूप में स्थान प्राप्त हुआ है।
यह घोषणा दोहा, क़तर में आयोजित आईसीए सीएम50 सम्मेलन में की गयी।
जीसीएमएमएफ अमूल प्रबंध निदेशक डॉ जयन मेहता ने इस उपलब्धि पर बुधवार को कहा, " अमूल पूरी तरह किसानों की स्वामित्व वाली ब्रांड है। वे ही दूध संग्रह से लेकर निर्माण और विपणन तक हर कार्य संभालते हैं। हमारा प्रभाव केवल आर्थिक नहीं है, हमारी सहकारी संरचना गरीबी घटाना, लैंगिक समानता और सतत समुदाय जैसे कई संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (यूएन एसडीजीएस) में योगदान देती है। अमूल की असली मुद्रा दूध नहीं, बल्कि विश्वास है, लाखों उत्पादकों और अरबों उपभोक्ताओं का विश्वास। यह सम्मान पूरे अमूल परिवार के लिए गर्व का क्षण है और हमारे संस्थापकों की उस दृष्टिकाेण को पुनः स्थापित करता है, जिसने सामूहिक प्रयास से समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया। "डॉ मेहता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने भारत के सहकारिता आंदोलन को नयी दिशा और गति प्रदान की है तथा अमूल जैसी संस्थाओं को वैश्विक स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।
अमूल की सफलता उसकी तीन-स्तरीय सहकारी संरचना में निहित है, जिसमें 18,600 से अधिक गांव दुग्ध सहकारी समितियां और 36 लाख दूध उत्पादक जुड़े हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं। फेडरेशन ने भारत को दूध की कमी वाले देश से विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है और ग्रामीण आजीविका तथा राष्ट्रीय पोषण सुरक्षा में उल्लेखनीय योगदान दिया है। अमूल 'द टेस्ट ऑफ इंडिया' की भावना का प्रतीक है और विश्वभर में सहकारी उत्कृष्टता का मानक बना हुआ है।
आज दोहा, क़तर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सामाजिक शिखर सम्मेलन 2025 में विश्व नेताओं ने एक राजनीतिक घोषणा-पत्र में स्वीकार किया गया कि सहकारी संस्थाएं गरीबी घटाने, सामाजिक समावेशन, रोजगार सृजन और सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इसी अवसर पर, अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का औपचारिक समापन भी किया गया और यह संकल्प लिया गया कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष प्रत्येक 10 वर्ष में एक बार मनाया जाएगा, ताकि सहकारी आंदोलन के वैश्विक योगदान को निरंतर सम्मान और प्रोत्साहन मिलता रहे।
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर मिली यह मान्यता अमूल के उस योगदान को दर्शाती है, जिसके माध्यम से उसने लाखों दुग्ध उत्पादकों को सशक्त बनाते हुए समावेशी विकास, सामाजिक समानता और सतत ग्रामीण प्रगति को प्रोत्साहित किया है।
इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस (आईसीए), जिसका मुख्यालय ब्रुसेल्स में है, विश्वभर की सहकारी संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करती है और उनके सतत विकास मॉडल को बढ़ावा देती है। प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर, यूरोपियन रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन कोऑपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज (इयूआरआईसीएसई) के सहयोग से, विश्व की अग्रणी सहकारी संस्थाओं के आर्थिक और सामाजिक प्रभाव का विश्लेषण करता है। यह रैंकिंग अमूल की निरंतर वृद्धि, नवाचार और 'लोग पहले' दृष्टिकोण का प्रमाण है।
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