चेन्नई, सितंबर 30 -- तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक और उसकी पूर्व सहयोगी पीएमके ने करूर में हुई भगदड़ की सीबीआई जांच की मांग की है। टीवीके संस्थापक और अभिनेता-राजनेता विजय की राजनीतिक रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी।
यहां एक बयान में, अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) और पीएमके अध्यक्ष डॉ. अंबुमणि रामदास ने कहा कि केवल सीबीआई जांच से ही त्रासदी के पीछे का पूरा सच सामने आएगा एवं न्याय सुनिश्चित होगा।
ईपीएस ने सत्तारूढ़ द्रमुक द्वारा घटना की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुश्री अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय आयोग पर सवाल उठाते हुए इसे दिखावा करार दिया। ईपीएस ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन के वीडियो संदेश पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने जनता से संयम बरतने और भगदड़ के बारे में सोशल मीडिया पर कोई दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी पोस्ट नहीं करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि वह श्री स्टालिन द्वारा जारी किए गए इस बनावटी, स्क्रिप्टेड वीडियो देखकर स्तब्ध हैं।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि श्री स्टालिन का वीडियो संदेश एक शर्मनाक प्रदर्शन है जो यह साबित करता है कि तमिलनाडु में किस तरह के कठपुतली मुख्यमंत्री हैं।
श्री स्टालिन की जिम्मेदार व्यवहार की अपील पर उन्होंने चेन्नई में एयर शो के दौरान पांच लोगों की मौत और कल्लाकुरिची नकली शराब त्रासदी में 60 से अधिक लोगों की मौत का हवाला दिया, जिससे द्रमुक सरकार की अवैध शराब की समस्या को रोकने में विफलता उजागर हुआ।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी विपक्षी दल ने इस त्रासदी का राजनीतिकरण नहीं किया है। उन्होंने कहा, "लेकिन श्री स्टालिन का वीडियो देखने के बाद लोग सही सवाल पूछने लगे हैं। श्री स्टालिन आप किसे धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं? इससे भी बुरी बात यह है कि आपके तथाकथित "एक-व्यक्ति जांच आयोग" बनाया है वह इस बात की पुष्टि करते हैं जो सभी पहले से ही जानते हैं कि यह एक आंखों में धूल झोंकने वाला आयोग है जिसे केवल आपकी सरकार को बचाने एवं सच्चाई को दबाने के लिए बनाया गया है। तमिलनाडु के लोगों को इस जांच पर भरोसा नहीं है।"ईपीएस ने कहा, "करूर त्रासदी में सच्चे न्याय के लिए सीबीआई जांच से कम कुछ भी नहीं चलेगा। श्री स्टालिन को ऐसे समय में जवाबदेह होने की जरूरत है, नाटकबाजी करने की नहीं।"Meawhile, Dr Anbumani, also a former union Health Miniser, said the way the police was इस बीच, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंबुमणि ने कहा कि जिस तरह से पुलिस काम कर रही है उससे संदेह उत्पन्न हो रहा है कि क्या वे सच्चाई को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और केवल सीबीआई जांच से ही रहस्य से पर्दा उठ सकेगा क्योंकि इस दुखद घटना का असली कारण अभी तक पता नहीं चला है।
डॉ. अंबुमणि ने एक बयान में टीवीके की रैली के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न करने के लिए पुलिस को दोषी ठहराते हुए कहा कि अगर भीड़ अपेक्षा से अधिक थी तो उन्हें रोक दिया जाता और रैली के लिए करूर शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की इस टिप्पणी को अस्वीकार करते हुए कि रैली के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और इसमें उनकी कोई गलती नहीं थी तथा रैली के आयोजकों की गलती थी, डॉ. अंबुमणि ने कहा कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की ऐसी टिप्पणी से निष्पक्ष जांच सुनिश्चित नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि इस त्रासदी के पीछे का पूरा सच सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस को जांच नहीं करनी चाहिए और राज्य सरकार को तुरंत इसकी सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि श्री स्टालिन ने पहले ही एक सदस्यीय पैनल के गठन की घोषणा कर दी थी, जिसने अपनी जांच शुरू कर दी है और श्री स्टालिन ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार उसके द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कदम उठाएगी।
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