तिरुवनंतपुरम , अक्टूबर 09 -- केरल में दलित कांग्रेस राज्य कार्यकारी समिति ने पिछले एक दशक में पलक्कड़ सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण एवं प्रशासन में अनुसूचित जाति विकास निधि के कथित दुरुपयोग एवं अनियमितताओं की व्यापक सतर्कता जांच की मांग की है।
पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अनुसूचित जातियों के कल्याण की निधि से स्थापित इस संस्थान में राज्य सरकारों के अंतर्गत लगातार गंभीर उल्लंघन, निधि का दुरुपयोग एवं कुप्रबंधन हो रहा है।
दलित कांग्रेस के अनुसार, मेडिकल कॉलेज का निर्माण 539 करोड़ रुपये की लागत से मास्टर प्लान के अंतर्गत किया गया जिसे विशेष रूप से अनुसूचित जाति विकास निधि से वित्त पोषित किया गया। इस परियोजना को 2013 में मुख्यमंत्री ओमन चांडी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने शुरू किया थ था जिसने कॉलेज की स्थापना के लिए 50 एकड़ भूमि और अनुसूचित जाति फंड से पूरी आवश्यक राशि मंजूर की थी।
दलित कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री ए. के. बालन के कार्यकाल के दौरान कॉलेज की पांच एकड़ जमीन वी. टी. भट्टाथिरिपाद को समर्पित एक स्मारक के निर्माण के लिए संस्कृति विभाग को सौंप दी गयी।पार्टी ने कहा कि यह निर्णय राजस्व विभाग की औपचारिक आपत्तियों के बावजूद लिया गया जिसने भूमि हस्तांतरण को अवैध बताया था।
इसके अलावा, राज्य दलित कांग्रेस महासचिव वेणु गोपाल विलंगारा ने कहा कि पिनाराई विजयन सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान मेडिकल कॉलेज की अतिरिक्त 50 सेंट भूमि कथित रूप से अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पलक्कड़ नगर पालिका को आवंटित की गई थी। दलित कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई अनुसूचित जाति कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए मूल रूप से निर्धारित भूमि और धन के दुरुपयोग एवं विचलन का एक सतत पैटर्न दर्शाती हैं।
राज्य कार्यकारी समिति ने यह भी आरोप लगाया कि अनुसूचित जातियों के उत्थान के लिए निर्मित कई परियोजनाओं एवं योजनाओं में या तो कमी की गई या फिर मेडिकल कॉलेज में अनावश्यक एवं फिजूलखर्ची वाले निर्माण कार्यों के वित्तपोषण के लिए उनका उपयोग किया गया। इसके परिणामस्वरूप, कई नवनिर्मित संरचना अप्रयुक्त रह गईं जबकि आवश्यक विकास कार्यों की उपेक्षा की गई है। दलित कांग्रेस ने दावा किया कि अनुसूचित जाति के छात्रों की शिक्षा एवं छात्रवृत्ति के लिए निर्धारित धनराशि को मेडिकल कॉलेजों के खर्चों को पूरा करने के लिए उपयोग किया गया।
संगठन ने रोजगार में गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पदों का एक बड़ा हिस्सा गैर-अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों द्वारा भरा गया। प्रस्ताव में कहा गया कि निजी अस्पताल लॉबी के दबाव में मेडिकल कॉलेज की विकास क्षमता को जानबूझकर सीमित किया गया है जिससे क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के हितों को नुकसान पहुंचा है।
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