तरनतारन , नवंबर 23 -- ) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के उपाध्यक्ष एवंम पूर्व विधायक रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा ने रविवार केंद्र सरकार पर चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के अंतर्गत लाने के मुद्दे पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि विधेयक के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के नवीनतम स्पष्टीकरण को पंजाब की एकता की प्रारंभिक जीत, लेकिन एक खतरे की घंटी है।
श्री ब्रह्मपुरा ने केंद्र के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह स्वीकार करना कि कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया हैस यह साबित करता है कि केंद्र सरकार केवल स्थिति का जायज़ा ले रही थी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में उठे तीखे विरोध ने केंद्र को अपने कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया है।
यहाँ जारी एक विज्ञप्ति में उन्होंने केंद्र सरकार की तकनीकी चालाकी को लेकर कहा, "केंद्र सरकार यह दावा करके जनता को गुमराह कर रही है कि चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के अंतर्गत लाना सिर्फ़ क़ानून बनाने की प्रक्रिया को 'सरल' बनाने के लिए है। मैं पंजाबियों से अपील करता हूँ कि वे जाग जाएँ! अनुच्छेद 240 सरलीकरण का नहीं, बल्कि तानाशाही का हथियार है।"उन्होंने कानूनी पहलुओं की व्याख्या करते हुए कहा, "एक बार यह अनुच्छेद लागू हो गया, तो चंडीगढ़ के लिए कानून बनाने की शक्ति संसद से छीन ली जाएगी और सीधे राष्ट्रपति को यानी केंद्रीय मंत्रिमंडल को हस्तांतरित हो जाएगी। इससे केंद्र को बिना किसी संसदीय बहस के रातोंरात चंडीगढ़ पर कोई भी 'काला कानून' थोपने की अनुमति मिल जाएगी। हम पंजाब की राजधानी में इस 'पिछले दरवाजे से घुसपैठ' को कभी कामयाब नहीं होने देंगे।"श्री ब्रह्मपुरा ने गृह मंत्रालय के इस आश्वासन की भी आलोचना की कि सभी हितधारकों से परामर्श किया जाएगा। उन्होंने इसे एक धोखा बताया। उन्होंने कहा, "चंडीगढ़ का केवल एक ही हितधारक है, और वह है पंजाब।" उन्होंने माँग की कि स्पष्टीकरण जारी करने के बजाय, केंद्र को 'संविधान (131वाँ संशोधन) विधेयक 2025' को लोकसभा बुलेटिन से तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल तब तक चुप नहीं बैठेगा, जब तक विधेयक लिखित रूप से रद्द नहीं हो जाता। उन्होंने पंजाब के लोगों से केंद्र के "यू-टर्न" को अपनी सामूहिक शक्ति के संकेत के रूप में देखने की अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीयत में अभी भी खोट है।
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