मुंबई , अक्टूबर 31 -- महाराष्ट्र में मुंबई के एक वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सातपुते ने पवई में पुलिस कार्रवाई के दौरान मारे गए व्यक्ति की मौत की जांच की मांग को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की घोषणा की है।
अधिवक्ता ने कहा कि वह अधिकारियों द्वारा दी गई आधिकारिक कहानी से असहमत हैं और उनका कहना है कि यह मुठभेड़ एक उचित रक्षात्मक कार्रवाई के बजाय पुलिस बल का जानबूझकर दुरुपयोग है। उन्होंने कहा कि बयानों के अनुसार पुलिस के पास घातक बल का सहारा लिए बिना खतरे को बेअसर करने के वैकल्पिक तरीके उपलब्ध थे। पुलिस ने शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सों पर गोलियां चलाने के बजाय आरोपी के निचले अंगों को निशाना क्यों नहीं बनाया।
सातपुते ने बताया कि बातचीत के दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आर्या के साथ बातचीत कर रहे थे, जिससे पता चलता है कि शांतिपूर्ण समाधान एक व्यवहार्य विकल्प बना हुआ था। उन्होंने कहा कि वह मुठभेड़ की परिस्थितियों और ऑपरेशन के दौरान लिए गए निर्णयों की व्यापक जाँच की माँग के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कल रोहित आर्य ने अपनी मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर एक स्टूडियो में 17 नाबालिगों और दो वयस्कों सहित 19 लोगों को बंधक लिया था।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित