चौधरी संभाजीनगर , नवंबर 21 -- महाराष्ट्र में एक अवकाशप्राप्त अधिकारी ने आरोप लगाया है कि कुछ जन सूचना अधिकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब देने से इनकार करके एक ऑफिशियल सर्कुलर का गलत मतलब निकाल रहे हैं।
औरंगाबाद पुलिस के पूर्व सहायक आयुक्त डॉ. रियाज देशमुख ने कहा कि अधिकारी 25 अगस्त, 2022 के सरकारी सर्कुलर का गलत हवाला देकर जानकारी देने से मना कर रहे हैं। जबकि सर्कुलर में ऐसी कोई रोक नहीं है।
मिसलेनियस (2021/पी.कु.48/आरकेए) नंबर वाले सर्कुलर में कहा गया है कि जब कोई अपील लंबित हो तो जानकारी संभालकर रखनी चाहिए ताकि यह पक्का हो सके कि दस्तावेज गलत जगह पर न जाएं या खो न जाएं। डॉ. देशमुख ने कहा कि सर्कुलर सिर्फ दस्तावेज को बचाने के लिए जारी किया गया था। फिर भी कुछ अधिकारी जानकारी देने से मना करने के लिए इसके अर्थ को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।
उन्होंने शुक्रवार को यूनीवार्ता से बात करते हुए साफ किया कि आरटीआई एक्ट की धाराओं 8 और 9 में उन हालात के बारे में बताया गया है जिनमें जानकारी रोकी जा सकती है और लंबित अपील इसमें शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अदालत में चल रहे मामले भी जानकारी रोकने को सही नहीं ठहराते। यद्यपि कुछ अधिकारी कानूनी नियमों का पालन करने की बजाय अपने खुद के बनाए नियम लागू करते रहते हैं।
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