मुंबई , अक्टूबर 23 -- महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की एक अदालत ने सतारा के व्यवसायी विक्रम चंद्रकांत पवार (37) को 75 निवेशकों से जुड़े लगभग 10 करोड़ रुपये की निवेश धोखाधड़ी के मामले में जमानत दे दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन.जी. शुक्ला ने महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण (एमपीआईडी) अधिनियम के तहत ये आदेश हाल में ही दिया था जिसकी प्रति गुरुवार को उपलब्ध कराई गई।
श्री पवार को पांच अप्रैल, 2025 को मुंबई के आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) इकाई-VII ने अपराध संख्या 3/2025 में गिरफ्तार किया गया था। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 34 और एमपीआईडी अधिनियम की धारा 3, 4 के तहत आरोप लगाए गए थे। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि पवार और उनके सहयोगियों ने निवेशकों को आठ प्रतिशत रिटर्न का लालच दिया लेकिन बड़ी राशि जमा कराने के बावजूद भुगतान नहीं किया।
बचाव पक्ष के वकील ताहा खान ने तर्क दिया कि मुख्य आरोपी सुदर्शन होनवार और अविनाश पवार थे जिन्होंने विक्रम पवार के बैंक खाते का इस्तेमाल किया तथा शिकायतकर्ता ने इस तथ्य को छुपाया था। उन्होंने आगे कहा कि निवेशकों को शुरुआत में रिटर्न मिला था जिसमें गवाह चेतन डांगिस्टे के माध्यम से 1.73 करोड़ रुपये वितरित किए गए थे लेकिन आयकर अधिकारियों द्वारा पवार के डीमैट खाते को फ्रीज कर दिए जाने के बाद भुगतान बंद हो गए।
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