कोलकाता , अक्टूबर 31 -- बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) विवाद के बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें राज्य में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की अदालत की निगरानी में मांग की गई है।
न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल और न्यायमूर्ति स्मिता दास डे की खंडपीठ द्वारा शुक्रवार को स्वीकार की गई इस याचिका में न्यायालय से विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की निगरानी करने और पुनरीक्षण प्रक्रिया के लिए आवंटित समय-अवधि बढ़ाने का आग्रह किया गया है।
याचिकाकर्ता ने यह भी अनुरोध किया है कि न्यायालय भारत के चुनाव आयोग को एसआईआर प्रक्रिया की आवश्यकता को उचित ठहराते हुए एक विस्तृत स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दे।
गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस सप्ताह की शुरुआत में पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया की घोषणा की थी।
राज्य में तीन चरणों वाली संशोधन प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होने वाली है और मसौदा सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। मसौदा सूची के प्रकाशन के बाद राजनीतिक दलों और मतदाताओं को व्यक्तिगत रूप से मसौदे के संबंध में आपत्तियां उठाने या शिकायत दर्ज करने का अवसर मिलेगा, जिसका समाधान चुनाव आयोग और पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय द्वारा किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को जारी होने की उम्मीद है।
इस घोषणा से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस समय-सीमा पर सवाल उठाए हैं। टीएमसी महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने तर्क दिया कि यदि वास्तव में त्रुटि-रहित मतदाता सूची सुनिश्चित करने का इरादा है, तो संशोधन में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए।
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