भोपाल , नवंबर 21 -- राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि हर समय और हर समाज में अच्छे व्यक्तियों को सदैव सम्मान मिलता है। संवेदनशीलता और समर्पण के साथ किया गया सेवा कार्य आत्मिक आनंद देता है, जबकि भौतिक सुविधाओं का सुख क्षणिक होता है। वे शुक्रवार को राजभवन में आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी के प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टरों को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि पूरी एकाग्रता और समर्पण के साथ सीखना भविष्य की सफलताओं का मूल आधार है। प्रशिक्षण के दौरान छोटी सी चूक भविष्य में बड़ी समस्या का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि मानव को बुद्धि और वाणी जैसे अद्वितीय गुण प्राप्त हैं और इनके सकारात्मक उपयोग से ही व्यक्ति श्रेष्ठ बनता है।

उन्होंने कहा कि अनुभव और निरंतर सीखने का भाव सिविल सेवकों के लिए अत्यंत आवश्यक है। समाज के वंचित और पिछड़े वर्ग से मिलने वाला व्यवहारिक ज्ञान सबसे प्रभावशाली होता है। लोकतंत्र में सिविल सेवक सरकार और जनता के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं और सुशासन का आधार संवेदनशीलता, विवेक, न्यायोचित व्यवहार और तथ्य आधारित निर्णय हैं।

राज्यपाल ने नल-जल और आवास योजनाओं के उदाहरणों के माध्यम से प्रशिक्षु अधिकारियों को जमीनी हकीकत समझने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सफलता कार्यालयों में नहीं, बल्कि क्षेत्र में जाकर कार्य करने से मिलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि किसी योजना को धरातल पर जाकर ही ठीक से समझा जा सकता है।

कार्यक्रम में आरसीवीपी प्रशासन एवं प्रबंध अकादमी के संचालक श्री मुजीबुर्रहमान खान ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई से 19 दिसंबर तक चल रहे इस प्रशिक्षण में 24 डिप्टी कलेक्टर शामिल हैं। प्रशिक्षण में मैदानी अनुभव, स्वच्छ प्रशासन, सॉफ्ट स्किल्स और अंतर्विभागीय समन्वय के विभिन्न आयाम शामिल किए गए हैं। प्रशिक्षुओं को तेलंगाना सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों का भ्रमण भी कराया गया है।

कार्यक्रम में प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर सुश्री कविता यादव और श्री निशांत भूरिया ने अपने अनुभव साझा किए। आभार प्रदर्शन सह-प्रशिक्षण संचालक सुश्री रुचि जैन ने किया। अंत में अकादमी के संचालक द्वारा राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

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