कोलकाता , अक्टूबर 28 -- तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने रणजी ट्रॉफी में गुजरात के ख़िलाफ धाकड़ प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर से भारतीय टीम का दरवाज़ा खटखटाया है। शमी ने गुजरात के ख़िलाफ बंगाल की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाते हुए पहली पारी में तीन और दूसरी पारी में पांच विकेट लिए हैं। अब शमी के इस सीजन में दो रणजी मैचों में 15 विकेट हो गए हैं।बंगाल ने रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप सी का यह मुकाबला 141 रन से जीता।
मैच के बाद जब शमी से एक बार फिर भारतीय टीम में उनके चयन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''ऐसा नहीं है कि यह मेरा कमबैक मैच था। मैं अच्छी लय में हूं और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास कर रहा हूं। फिर जैसे ही शमी से भारतीय टीम के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "यह सवाल तो आना ही था।"शमी ने कहा,''अगर आप अपने देश की सेवा करना चाह रहे हों तो इसमें क्या ग़लती है। जब इंजरी के बाद वापसी की सोचते हैं तो ख़ुद को प्रूव करने की कोशिश करते हैं। उसके लिए आपको अच्छा प्रदर्शन करना पड़ता है और अच्छी लय में होना पड़ता है।
उन्होंने कहा, "वैसे ही (चयन के बारे में दिए गए बयान को लेकर) मैं हमेशा कंट्रोवर्सी में रहता हूं। मुझे विलेन बना दिया गया है। (हंसते हुए) आज के जमाने में सोशल मीडिया ऐसी है कि बात का मतलब कहां से कहां पहुंच जाता है। लेकिन अच्छा प्रदर्शन करना ही मेरा काम है। जहां मौक़ा मिलेगा, अच्छा करने की कोशिश करूंगा। बाक़ी ऊपर वाले की मर्ज़ी है। बंगाल मेरा घर है। जितने मैच खेल सकूंगा, वो मेरे लिए एक अच्छी याद की तरह होंगे। यह मेरा किसी भी तरह से कोई कमबैक मैच नहीं था। अगर आप यह पिछले साल बोलते तो मुझे समझ में आता।""लेकिन अगर आप अपने देश की सेवा करना चाह रहे हों तो इसमें क्या ग़लती है। जब इंजरी के बाद वापसी की सोचते हैं तो ख़ुद को प्रूव करने की कोशिश करते हैं। उसके लिए आपको अच्छा प्रदर्शन करना पड़ता है और अच्छी लय में होना पड़ता है। जब आप एक मुश्किल समय से बाहर आते हैं और इस तरह का प्रदर्शन करते हैं तो काफ़ी अच्छा लगता है। विश्व कप के बाद एक मुश्किल समय गुजरा है। वह समय काफ़ी दर्दनाक भी रहा है। उसके बाद रणजी ट्रॉफ़ी खेला, सफेद गेंद की क्रिकेट खेला, आईपीएल खेला, दलीप ट्रॉफ़ी खेला। उसके बाद मेरी लय अब उसी तरह की है जैसे पहले थी। साफ तौर पर ऐसा महसूस हो रहा है कि मेरे अंदर काफ़ी क्रिकेट बाक़ी है।"बंगाल के रणजी ट्रॉफ़ी के पहले मैच से शमी के एक बयान की ख़ूब चर्चा हुई थी। उस दौरान शमी ने कहा था, "अगर फिटनेस की कोई समस्या होती, तो मैं यहां बंगाल के लिए खेल ही नहीं रहा होता। अगर मैं चार दिन का मैच खेल सकता हूं, तो मैं 50 ओवर का क्रिकेट भी खेल सकता हूं। जहां तक अपडेट देने की बात है, वह मेरी ज़िम्मेदारी नहीं है।"इसके बाद भारत के मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर ने भी शमी की इस प्रतिक्रिया पर जवाब दिया था और कहा था, "अगर वह मुझसे यह बात कहते हैं, तो मैं जरूर जवाब दूंगा। मुझे ठीक से नहीं पता कि उन्होंने सोशल मीडिया पर क्या कहा है। अगर मैं उसे पढ़ लूं, तो शायद मैं उन्हें फ़ोन कर लूं। मेरा फ़ोन ज़्यादातर खिलाड़ियों के लिए हमेशा ऑन रहता है, और मैंने पिछले कुछ महीनों में उनसे कई बार बात की है। लेकिन अगर वह पूरी तरह फिट होते, तो वह इस दौरे (ऑस्ट्रेलिया) पर होते।"वहीं बंगाल के कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान काफ़ी महत्वपूर्ण बातें कहीं। उनका मानना था कि अगर आप शमी की लय, रन-अप और प्रदर्शन को देखें तो सब कुछ साफ हो जाता है। उन्होंने कहा, "मोहम्मद शमी की गेंदबाज़ी आप सबने देखी है। उस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। शमी का प्रदर्शन ख़ुद ही कह रहा है - अब तो ले लो (हंसते हुए)। उनके कमिटमेंट को लेकर कोई सवाल ही नहीं किया जा सकता। पूरी दुनिया देख रही है कि मोहम्मद शमी क्या चीज हैं। उनका प्रदर्शन ख़ुद ही एक सर्टिफ़िकेट है कि वह हर तरह से फ़िट हैं।
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