हरिद्वार , नवंबर 28 -- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक में शक्रवार को 2027 के हरिद्वार अर्द्धकुंभ के लिए चार शाही स्नान सहित 10 स्नान तिथियाँ घोषित कर दी।

जनवरी से अप्रैल तक आयोजित होने वाले इस ऐतिहासिक मेले में इस बार पहली बार साधु-संतों के साथ चार शाही अमृत स्नान कराए जाएंगे, जिसे संत परंपरा में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव माना जा रहा है। पहला शाही स्नान छह मार्च को महाशिवरात्रि पर होगा, दूसरा आठ मार्च को सोमवती अमावस्या पर, तीसरा 14 अप्रैल को बैसाखी (मेष संक्रांति) और चौथा 20 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा (अमृत स्नान) होगा। इसके अलावा, मकर संक्रांति पर भी एक महत्वपूर्ण स्नान होगा लेकिन इसे शाही स्नान की श्रेणी में नहीं रखा गया है।

श्री धामी ने कहा कि कुंभ के आयोजन में संतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार करते हुए मेला व्यवस्थाओं को भव्य और व्यवस्थित बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला शानदार होगा और प्रशासनिक तैयारियां तेज गति से चल रही हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी पुष्टि की कि 14 जनवरी, 2027 को मकर संक्रांति के दिन से मेले की शुरुआत होगी। इसके बाद छह फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन, 11 फरवरी को बसंत पंचमी, 20 फ़रवरी को माघ पूर्णिमा को स्नान होगा। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण तिथियाँ में सात अप्रैल - नव संवत्सर, 15 अप्रैल - राम नवमी, भी है।

बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने सभी अखाड़ों को आगामी अर्द्धकुंभ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया और मेले को कुंभ की तरह ही भव्य व दिव्य बनाने के लिए सुझाव मांगे। उन्होंने दोहराया कि हरिद्वार का अर्द्धकुंभ देश-विश्व में सांस्कृतिक धरोहर के रूप में अपनी नई पहचान स्थापित करेगा।

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