भिण्ड , दिसंबर 27 -- मध्यप्रदेश के भिण्ड शहर के परेड चौराहे पर शुक्रवार दोपहर उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब खनियाधाना में मनुस्मृति जलाए जाने के विरोध में परशुराम सेना और सवर्ण समाज के पदाधिकारियों ने अंबेडकरवादी विचारधारा के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर की आत्मकथा जलाने के प्रयास को लेकर पुलिस और परशुराम सेना के पदाधिकारियों के बीच तीखी झड़प हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रदर्शन के दौरान अंबेडकर की आत्मकथा को सामने रखकर जलाने की कोशिश की गई। मौके पर तैनात पुलिस बल ने तत्काल हस्तक्षेप कर पुस्तक को जब्त कर लिया, जिससे परशुराम सेना के पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच काफी देर तक छीना-झपटी और तनातनी बनी रही। इस घटनाक्रम से परेड चौराहे पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
परशुराम सेना के जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों पर सरकार दोहरा रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति जलाए जाने पर कार्रवाई नहीं होती, जबकि विरोध करने वालों पर सख्ती की जाती है। उन्होंने अंबेडकरवादी विचारधारा के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी।
प्रदर्शन के दौरान सवर्ण समाज और सवर्ण आर्मी के पदाधिकारियों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सवर्ण आर्मी के पदाधिकारी शिवम पचौरी ने कहा कि यदि समाज की भावनाओं की अनदेखी जारी रही तो आंदोलन और उग्र होगा।
स्थिति उस समय और गंभीर हो गई जब परशुराम सेना के जिला उपाध्यक्ष बंटी पचौरी अकेले परेड चौराहे पहुंचे और सोशल मीडिया पर लाइव होकर अंबेडकर की आत्मकथा जलाने का प्रयास किया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार आंदोलन की पूर्व सूचना के चलते परेड चौराहे और परशुराम सेना के जिला अध्यक्ष के निवास के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। करीब दो घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद पुलिस की सतर्कता से हालात नियंत्रण में रहे और किसी बड़ी अप्रिय घटना को टाल लिया गया।
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