रायगढ़ , नवंबर 07 -- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्थित धरमजयगढ़ क्षेत्र में अंबुजा-अडानी की प्रस्तावित परियोजना को लेकर विरोध की लहर थमने का नाम नहीं ले रही। लगातार 24 घंटे तक रायगढ़ कलेक्ट्रेट के बाहर खुले आसमान के नीचे धरना देने के बाद अब ग्रामीणों ने सीधा एलान कर दिया है कि वे जनसुनवाई को किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे।

बीते दो दिनों से महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की भारी भीड़ कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर डटी रही लेकिन प्रशासन और ग्रामीणों के बीच किसी भी तरह की बातचीत का रास्ता नहीं निकल सका। इस दौरान स्थानीय विधायक उमेश पटेल और लालजीत राठिया भी पूरी रात धरनास्थल पर ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे।

शुक्रवार सुबह ग्रामीण अपने गांव लौट तो गए लेकिन उन्होंने साफ चेतावनी दी कि धरमजयगढ़ की जमीन, जंगल और जलस्रोत की सुरक्षा के लिए जनसुनवाई को हर हाल में रोका जाएगा।

महिलाओं ने आंदोलन के दौरान कहा,"हमारे गांव, हमारे जंगल और पहाड़ बचेंगे, तभी हमारे बच्चे बचेंगे-इसलिए हम यहां खड़े हैं।"वहीं, विधायक उमेश पटेल और लालजीत राठिया ने ग्रामीणों के साथ खड़े रहते हुए प्रशासन पर ग्रामीणों की बात न सुनने का आरोप लगाया। लालजीत राठिया ने कहा- "दो दिन तक ग्रामीण भूखे-प्यासे बैठे रहे, लेकिन कलेक्टर मिलने तक नहीं आए। अब हम अपनी जमीन और जंगल बचाने गांव लौट रहे हैं, और जनसुनवाई को किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगे।"विधायकों के इस रुख से आंदोलन को और मजबूती मिल गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विरोध और तीखा हो सकता है।

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