चंडीगढ़, सितंबर 27 -- हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि समाज सुधार में साहित्यकारों की बड़ी भूमिका होती है। किसी भी सरकार के नियम समाज को नहीं बदल सकते, बल्कि बदलाव जनता के प्रयासों से ही संभव है। उन्होंने साहित्यकारों से आह्वान किया कि वे आगे आकर लोगों को सही मार्ग दिखाएं।
श्री विज ने कहा कि ईंट-सीमेंट से शहर नहीं बसते, बल्कि सामाजिक ताना-बाना जरूरी है। मनुष्य तो जन्म से बन जाता है, लेकिन इंसान बनना आवश्यक है। वह अंबाला छावनी स्थित सेंट्रल फीनिक्स क्लब में कवित्री अनुपमा आर्य के काव्य संग्रह 'रंगरेज मेरे अल्फाजों के' के विमोचन अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अनुपमा आर्य का काव्य संग्रह समाज में सकारात्मक सोच भरता है। कविता वही लिख सकता है जिसमें भावनाओं का भंडार हो, भावनाविहीन व्यक्ति कविता नहीं लिख सकता। विज ने कहा कि अच्छा काम करने वाले की हमेशा सराहना होनी चाहिए, क्योंकि इससे सकारात्मकता और ऊर्जा मिलती है।
इस मौके पर कवित्री अनुपमा आर्य ने पुस्तक की जानकारी दी और कई कवियों ने भी काव्य संग्रह की सराहना की। कार्यक्रम में शायर बिलाल सहारनपुरी ने भी श्री अनिल विज पर कविता प्रस्तुत की।
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