जयपुर , अक्टूबर 10 -- राजस्थान में आगामी 11 नवंबर को होने वाले बारां जिले की अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए सरगर्मियां तेज होने लगी हैं वहीं इस सीट पर अब तक चार बार हुए चुनाव में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं विपक्ष कांग्रेस दोनों ही पार्टियां दो-दो बार जीत हासिल की हैं।

इस उपचुनाव के लिए हाल में घोषणा होने के बाद कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिया और इस बार भी पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को फिर मौका दिया हैं जबकि भाजपा अभी अपने उम्मीदवार के नाम पर मंथन कर रही है। पिछले उनियारा-देवली विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी एवं थपड़ कांड से सूर्खियों में आये नरेश मीणा पहले से ही इस उपचुनाव में चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। श्री मीणा ने देवली-उनियारा उपचुनाव में 50 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे और वह इस बार अंता उपचुनाव में उतरते हैं तो मुकाबले के रोमांचक होने की संभावना है।

भाजपा और किसी अन्य राजनीतिक पार्टी के इस उपचुनाव में पत्ते खोलने के बाद चुनावी सरगर्मियां और बढ़ जायेगी। हालांकि उपचुनाव में टिकट मिलने के बाद श्री भाया अपने चुनावी कार्यक्रम में जुट गए हैं। अब तक तीन बार विधायक चुने गए और दो बार मंत्री रहे श्री भाया ने वर्ष 2003 में बारां विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में पहली बार विधायक बने और इसके बाद वर्ष 2008 में अस्तित्व में आई अंता विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ा। उनके चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने पर अशोक गहलोत सरकार में सार्वजनिक निर्माण मंत्री बनाया गया।

श्री भाया वर्ष 2013 में अंता से भाजपा उम्मीदवार प्रभुलाल सैनी से चुनाव हार गए थे। इसके बाद वह इसके अगले विधानसभा चुनाव 2018 में श्री सैनी को हराकर फिर विधानसभा पहुंचे और फिर मंत्री बने और उन्हें खान विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग सौंपा गया लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के प्रत्याशी कंवरलाल मीणा से चुनाव हार गए। वर्ष 2013 में श्री सैनी के चुनाव जीतने पर वसुंधरा राजे सरकार में उन्हें भी मंत्री बनाया गया। इस प्रकार अंता से अब तक हुए चार विधानसभा चुनाव में दो कांग्रेस और दो भाजपा ने जीतकर दोनों ही पार्टियां बराबर पर हैं।

अंता में इन चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहा है। वर्ष 2018 में आम आदमी पार्टी के अशोक कुमार ने भी चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें कोई तरजीह नहीं मिली और वह महज 1739 मत ही हासिल कर पाये। पिछले चुनाव में श्री मीणा 5861 मतों से चुनाव जीते।

उल्लेखनीय है कि कंवरलाल मीणा को एक पुराने मामले में न्यायालय द्वारा तीन साल की सजा सुनाये जाने के बाद गत मई में उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। इसके बाद अंता विधानसभा सीट खाली हो गई और अब आगामी 11 नवंबर को इस पर उपचुनाव कराये जा रहे हैं।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के अनुसार अंता विधानसभा उपचुनाव-2025 में दो लाख 27 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। जिसमें एक लाख 16 हजार 405 पुरुष एवं एक लाख 11 हजार 154 महिला और चार अन्य मतदाता नामांकित है। उपचुनाव में मतदान के लिए विधानसभा क्षेत्र में 268 मतदान केंद्र स्थापित किए गए। इनमें 1170 दिव्यांग तथा 39 सर्विस मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा उपचुनाव में 1013 ऐसे मतदाता है जिनकी उम्र 85 वर्ष से अधिक हैं जबकि 8450 मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। उन्होंने बताया कि पुनर्गठन पूर्व मतदान केन्द्रों की संख्या 247 थी लेकिन पुनर्गठन के बाद मतदान केन्द्रों की संख्या में 21 मतदान केन्द्रों का इजाफा हुआ हैं।

श्री महाजन ने बताया कि मतदाताओं को फोन रखने की समस्या के मद्देनजर इस बार नवाचार किया गया हैं जिसमें मतदान केन्द्र पर मतदाता मतदान से पहले अपना फोन सुरक्षित रख सकेगा और इसके लिए वह टोकन की सुविधा के माध्यम से अपना फोन मतदान केन्द्र पर जमा करा सकेगा और मतदान के बाद वापस लिया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि उपचुनाव की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी। इसके साथ ही नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी और 21 अक्टूबर तक नामांकन पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 23 अक्टूबर को की जाएगी तथा 27 अक्टूबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे। मतगणना 14 नवम्बर को होगी।

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