नयी दिल्ली , अक्टूबर 31 -- राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में दिवसीय भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (बीआईआरसी) शुक्रवार को संपन्न हुआ।
दो दिवसीय सम्मेलन में 30,435 करोड़ रुपये का व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर हुये। इस सम्मेलन से भारत के कृषि निर्यात और चावल प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी में प्रगति को उल्लेखनीय बढ़ावा दिया।
भारत सरकार के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय समेत कई सरकारी एवं उद्योग निकायों द्वारा समर्थित इस सम्मेलन में देश भर से 1,083 अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और 154 प्रदर्शकों सहित 10,854 आगंतुकों ने भाग लिया।
दूसरे दिन चार केंद्रित पैनल वार्ताओं के साथ गति बनी रही, जहाँ वक्ताओं ने चावल व्यवसाय के लिए ज़मीनी सुझाव और नीतिगत पहलू साझा किए। आयोजकों ने बताया कि 2026 में भी इसी तरह का एक बड़ा आयोजन होने वाला है, जिसकी तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
एसजीएस में प्रमाणन प्रमुख श्री सौमिक मंडल ने पता लगाने योग्य आपूर्ति लाइनों के लिए डिजिटल टैग की रूपरेखा प्रस्तुत की। भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) की परियोजना प्रबंधक डॉ. प्रियंका सरकार ने छोटी मिलों की स्थापना में कमियों की ओर इशारा किया, जबकि एपीडा में बीईडीएफ के निदेशक तरुण बजाज ने जोखिम विश्लेषण पर किसानों के प्रशिक्षण की योजनाओं के साथ समापन किया।
इसके बाद "जैविक चावल और संबंधित वस्तुएँ" पर एक सत्र आयोजित किया गया। एपीडा की महाप्रबंधक सास्वती बोस अध्यक्ष अभिषेक देव ने अपनी बात रखी। राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र के निदेशक डॉ. गगनेश शर्मा ने पंजाब में किए गए परीक्षणों से मृदा पुनरुद्धार की जानकारी दी। ईकोसर्ट के क्षेत्रीय निदेशक अनिल जाधव ने स्टार्टअप्स के लिए प्रमाणन लागतों पर चर्चा की और मेगनोलिया के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मकबूल लिंगदोह सुइयाम ने मेघालय के जंगली चावल की किस्मों पर बात की। एनसीओएल के एमडी विपुल मित्तल और प्रतिति ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के तपन रे ने पहाड़ी किसानों के लिए बाजार संबंधों पर नोट्स जोड़े।
तीसरे पैनल ने "लॉजिस्टिक्स, क्रेडिट और बीमा कवर" पर चर्चा की। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के श्री संदीप दास ने संचालन किया। ड्रिप कैपिटल के विकास निदेशक श्री दीपक गांधी ने देरी से प्रभावित निर्यातकों के लिए कम ब्याज दर वाले ऋणों के बारे में बताया। राजेश ग्लोबल फूड जीएमबीएच की निदेशक सुश्री श्वेता बुक्शेत और एग्रीसी दुबई के निदेशक श्री विक्रम सादिया ने उबड़-खाबड़ समुद्रों में समुद्री जोखिमों को कवर किया, जबकि एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की महाप्रबंधक और मुख्य अंडरराइटिंग अधिकारी सुश्री अर्पिता सेन ने थोक सौदों के लिए प्रीमियम बढ़ोतरी में कटौती के बारे में विस्तार से बताया।
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