नैनीताल , अक्टूबर 08 -- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा पाए पुलकित आर्य और सौरभ भास्कर की अपील पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सरकार से आपत्ति पेश करने को कहा।
ऋषिकेश के पास वनंतरा रिसोर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर तैनात अंकिता की सितंबर, 2022 में हत्या कर दी गई थी। अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ था। अंकिता की हत्या का आरोप वनंतरा रिसोर्ट के मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ़ पुलकित गुप्ता पर लगा था। पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार के अपर सत्र न्यायालय में तीनों के खिलाफ मामला चला। अपर सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने दोनों को अंकिता हत्याकांड का दोषी मानते हुये 30 मई 2025 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 354ए, 201 तथा अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, 1956 की धारा 5(1)(डी) के तहत दोषी करार दिया गया है जबकि सह अभियुक्तों सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ़ पुलकित गुप्ता को धारा 302 और 201 में दोषी माना था।
दोनों अभियुक्तों की ओर से निचली अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। अपीलकर्ताओं की ओर से दायर अपील में अपने को निर्दोष बताया गया है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ ने अपील पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए कि वह दोनों मामलों में 18 नवंबर तक आपत्ति दर्ज करे। साथ ही अदालत ने सभी पक्षकारों को इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। अदालत इस मामले में आगामी 18 नवंबर को सुनवाई करेगी।
उल्लेखनीय कि अंकिता वनंतरा रिसोर्ट से 17 सितंबर, 2022 को लापता हो गई थी और कुछ दिन बाद उसका शव ऋषिकेश के चीला बैराज से बरामद हुआ था। इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया था।
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