नई दिल्ली, मार्च 19 -- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की अगुवाई में बने संगठन BRICS के सदस्य देश डॉलर की जगह अपनी मुद्रा अपनाए जाने के मुद्दे पर दो फाड़ हो गए हैं। पिछले साल रूस के कजान शहर में अक्टूबर में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन के बाद से ही इस पर चर्चा होती रही है कि ब्रिक्स देश डॉलर की जगह अपनी नई मुद्रा अपना सकते हैं लेकिन इस साल जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद जहां पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर छिड़ चुका है, वहीं अब ब्रिक्स देश नई मुद्रा पर आपस में बंट गए हैं। भारत ने इस तरह की मुहिम में कोई रूचि नहीं दिखाई है और खुद को अलग कर लिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने में भारत को कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने ये बात तब कही है, जब उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह ब्रि...