मुंबई, जुलाई 9 -- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने महाराष्ट्र के उन 1421 प्रोफेसरों को नेट और/या सेट की पात्रता से छूट दे दी, जिनके पास मास्टर ऑफ फिलॉसफी (एमफिल) स्नातकोत्तर डिग्री है। ये प्रोफेसर 25 सालों से अपनी शैक्षणिक योग्यता को मान्यता दिए का इंतजार कर रहे थे। 3 जुलाई को यूजीसी ने बहुतप्रतीक्षित फैसला लिया। यूजीसी के इस निर्णय से इन प्रोफेसरों का सीनियर और सेलेक्शन ग्रेड में प्रमोशन का रास्ता भी साफ हो गया है। राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि यह मामला लंबे समय से लटका हुआ था। 1993 से पहले और 14 जून 2006 से 11 जुलाई 2009 के बीच भी टीचिंग पदों पर भर्ती के लिए एमफिल की डिग्री को वैध योग्यता माना जाता था। हालांकि 1994 और 2009 के बीच एमफिल की डिग्री हासिल करने वाले प्रोफेसरों को इसका लाभ नहीं दिया ग...