नई दिल्ली, अक्टूबर 26 -- हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का काफी महत्व होता है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाता है। इस दिन तुलसी माता का शृंगार कर उनका विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम जी के साथ कराया जाता है। मान्यता है कि तुलसी विवाह कराने से साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। तुलसी विवाह के एक दिन पहले देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी होती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं। इसके बाद ही सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। कई जगहों पर यह पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है, जो कार्तिक पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के जागने के बाद शुभ कार्यों की शुरुआत होती है, और त...