नई दिल्ली, अक्टूबर 27 -- छठ पूजा में आज सूर्य को डूबते हुएअर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद निर्जला व्रत कल उगते सूर्य को जल देकर पूरा होगा। इस व्रत में शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है और नियम भी पूरे मन से माने जाते हैं, इसलिए यह व्रत कठोर व्रतों में से एक है। आपको बता दें कि छठी माता भगवान सूर्य की बहन हैं और ब्रह्मा जी की मानस पुत्री मानी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इनकी पूजा से संतान की रक्षा होती है और लंबी उम्र भी होती है। इसलिए यह व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए, सुख समृद्धि के लिए रखना चाहिए। सूसूर्य भगवान और छठी मैय्या की कृपा से धन लाभ, संतान की लंबी उम्र और संपन्नता आती है। इस दिन व्रती महिलाएं लाल रंग की साड़ी पहनें जो नई हो। छठी मइया को सिंदूर और साड़ी अर्पित करना चाहिए। षष्ठी को डूबते सूर्य को और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य ...
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