नई दिल्ली, नवम्बर 27 -- सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि तलाक देने से पहले यह पता लगाया जाना जरूरी है कि कपल के अलग होने के पीछे क्या वजह है। शीर्ष न्यायालय ने हाल ही में कहा है कि अदालतों को यह नहीं मान लेना चाहिए कि शादी पूरी तरह से टूट चुकी है। दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मामले में पुरुष को तलाक की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद महिला ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुनवाई के दौरान एपेक्स कोर्ट ने पाया कि उच्च न्यायालय शादी खत्म करने से पहले कई मुद्दों को सुलझाने में नाकाम रहा था। 14 नवंबर को जस्टिस सूर्यकांत (अब भारत के मुख्य न्यायाधीश) और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच की तरफ से आदेश जारी किया गया था। बेंच ने कहा था कि यह मान लेना की शादी को अब ठीक नहीं किया जा सकता, कोर्ट को पहले जांच करनी चाहिए कि किसी एक पक्ष ने जानबूझकर दूसरे को छोड़ा है। ...
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