नई दिल्ली, दिसम्बर 29 -- उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता यूपीएससी की तैयारी करने वाले हर युवा के लिए प्रेरणा की मिसाल हैं। हिमांशु का बचपन गरीबी में बीता, पिता सड़क किनारे चाय बेचते थे, लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं मानी। बिना किसी कोचिंग के उन्होंने तीन बार यूपीएससी क्रैक किया और आईएएस बने। उनकी पत्नी शिवा सिंह भी आईपीएस हैं। यह कहानी साबित करती है कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। हिमांशु गुप्ता की सफलता की कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करती है। आइए जानते हैं उनके संघर्ष और सफलता की कहानी।गरीबी में बीता बचपन और पिता का संघर्ष हिमांशु गुप्ता का जन्म उत्तराखंड के सितारगंज में एक गरीब परिवार में हुआ। उनके पिता सड़क किनारे चाय की दुकान चलाते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। घर में किताबें खरीदने तक के पैसे नहीं होते...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.