पीटीआई, अक्टूबर 6 -- "किसी ने मेरी मां की मदद नहीं की। मैं उन्हें बचा नहीं सका। मैं कुछ नहीं कर सका।" इतना कहते-कहते जोगिंदर की आंखों से आंसू गिरने लगे। जोगिंदर ने अपनी मां रुकमणी को सवाई मान सिंह अस्पताल के ICU वॉर्ड में लगी आग में खो दिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान बेटा बेबस दिखाई दिया। अपनी व्यथा सुनाते-सुनाते बेटे की आंखों से आंसू बनकर दर्द छलकने लगा। अस्पताल में आग लगने से अब तक 8 लोगों की मौत की खबर सामने आ चुकी है। बेटे जोगिंदर ने बताया, "मेरी मां की हालत ठीक हो रही थी। उन्हें ठीक हो जाना चाहिए था। लेकिन, यह हादसा हो गया। जब धुआं उठना शुरू हुआ तो वार्ड में 15-16 मरीज थे। लोग अपने-अपने मरीजों को बचाने की कोशिश में जुट गए।" जोगिंद ने बताया- मेरी मां की किसी ने मदद नहीं की। मेरे भाई ने अस्पताल के स्टाफ के हाथ से टॉर्च छीनी और मां क...