प्रमुख संवाददाता, दिसम्बर 16 -- राजधानी में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान के लिए शुरू किया गया अभियान नगर निगम की लापरवाही के चलते फुस्स होता नजर आ रहा है। हालात ये हैं कि नगर निगम के पास शहर की सफाई में लगे 15 हजार आउटसोर्स सफाई कर्मियों की कोई समेकित सूची ही मौजूद नहीं है। जब कर्मचारियों का नाम-पता और पहचान ही दर्ज नहीं है, तो जांच कैसे होगी कि इनमें कोई विदेशी नागरिक तो नहीं है। नगर निगम की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठेकेदारों और निजी कंपनियों के हाथों में है। अरबों रुपये के ठेके लेने वाली इन कंपनियों ने हजारों कर्मियों को तैनात कर रखा है, लेकिन उनकी जानकारी निगम के पास नहीं है। नगर निगम केवल कंपनियों को पत्र लिखकर औपचारिकता निभा रहा है। न आधार कार्ड की सूची है, न पुलिस सत्यापन का रिकॉर्ड और न ही कर्मचारियों के पते तथा फोन न...