संवाददाता, दिसम्बर 13 -- यूपी के अयोध्या में निर्वाचन आयोग के द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के दौरान अयोध्या धाम के बैरागी साधु-संतों की कश्मकश अलग तरह की है। फिलहाल संतों ने इस कश्मकश से बाहर निकलने का रास्ता तलाश लिया है। इस पर पहले किसी ध्यान ही नहीं गया। बीएलओ के फार्म जमा कराने के बाद जब मैपिंग शुरू हुई तो मालूम हुआ कि कई साधुओं ने माता के स्थान पर मां जानकी का नाम अंकित किया है। वहीं मंदिरों में स्थाई रूप से निवास कर रहे संत-महंतो ने पिता के स्थान पर अपने दीक्षा गुरु का नाम लिखा है।इसके कारण एक-एक मंदिरों में एक ही महंत के दर्जनों शिष्यों का नाम दर्ज हुआ। कुछ ऐसे भी संत हैं जिन्होंने अपने माता-पिता का वास्तविक नाम लिखा है। यह भी पढ़ें- राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम में फेस रीडिंग मशीन से होगी कर्म...