नई दिल्ली।, सितम्बर 14 -- चुनाव आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट को दिए जवाब में यह स्पष्ट कर दिया है कि उसे किसी भी तय अंतराल पर विशेष गहन संशोधन (SIR) कराने के लिए अदालत बाध्य नहीं कर सकती है। आयोग का कहना है कि संविधान और कानून के अनुसार मतदाता सूची तैयार करने और संशोधित करने का अधिकार विशेष रूप से उसी के पास निहित है। आयोग ने शुक्रवार को दाखिल हलफनामे में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 और मतदाता पंजीकरण नियम- 1960 के तहत मतदाता सूची तैयार करने व संशोधित करने का अधिकार केवल चुनाव आयोग को है। अदालत द्वारा तय अंतराल पर संशोधन का आदेश देना आयोग की पूर्ण संवैधानिक शक्तियों में हस्तक्षेप होगा। कानून में किसी निश्चित समयावधि का प्रावधान नहीं है, आयोग परिस्थितियों के अनुसार सारांश, गहन या विशेष संशोधन करने के लिए स्वतं...
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