नई दिल्ली, सितम्बर 11 -- Shashthi Shradh 2025 : सनातन धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष धार्मिक महत्व है। इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। श्राद्ध पक्ष का समापन 21 सितम्बर को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के साथ होगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से जल और काली तिल मिश्रित जल से तर्पण, जौ का आटा, खोया से बने पिंडदान और श्राद्ध स्वीकार करते हैं। हमारे अंदर प्रवाहित रक्त में हमारे पितरों के अंश हैं। जिसके कारण हम उनके ऋणी होते हैं। यही ऋण उतारने के लिए श्राद्ध कर्म करने का विधान है। पितृपक्ष में किए गए श्राद्ध-तर्पण, पिंडदान आदि कार्यों से पूर्वजों की आत्मा को तो शांति प्राप्त होती ही है साथ ही कर्ता को भी पितृ ऋण से मुक्ति मिल जाती है। तिथि के अनुसार किया जाता है श्राद्ध- शास्त्रों अनुसार जिस व्यक्ति ...