नई दिल्ली, अक्टूबर 3 -- आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाले पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा कहा जाता है। माता लक्ष्मी की पूजा एवं आराधना के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस दिन रात को माता लक्ष्मी एवं कुबेर देव की विशेष आराधना किया जाता है। इस बार पूर्णिमा पर शुभ संयोग तो बन रहे हैं, साथ ही इस दिन भद्रा और पंचक का साया भी रहेगा। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और जो रात को जागकर जागरण करता है, उसे आशीर्वाद देती हैं, इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं। आइए जानें किस दिन रखा जाएगा व्रत और किस दिन किया जाएगा स्नान और दान कब है शरद पूर्णिमा आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 6 अक्टूबर दिन 2025 दिन सोमवार को दिन में 11:24 बजे से होगा। जो 7 अक्टूबर 2025 दिन मंगलवार को दिन में 9:35 बजे तक ही व्याप्त रहेग...