नई दिल्ली, अक्टूबर 22 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भूमि पर गलत कब्जे या बेदखली से जुड़े एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के प्रावधानों का इस्तेमाल किसी बैंक को उसके वैध बंधक (मॉर्गेज) अधिकारों का प्रयोग से रोकने के लिए नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने एक्सिस बैंक लिमिटेड बनाम राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के केस में प्रथम दृष्टया यह टिप्पणी की। बार एंड बेंच के अनुसार, जस्टिस सचिन दत्ता ने एक्सिस बैंक, उसके एमडी और सीईओ के खिलाफ आयोग द्वारा शुरू की गई कार्यवाही पर रोक लगा दी। इस मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी, 2026 को होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया, इस केस के संदर्भ में अत्याचार अधिनियम की धारा 3(1)(एफ) और (जी) लागू नहीं होती, क्योंकि इन्हें याचिकाकर्ता के मॉर्गेज अधिकार/सुरक्षा हित के इस्तेमाल को रोकने के लिए लागू ...