नई दिल्ली, जून 8 -- सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और कॉलेजियम प्रणाली का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि अपने दोषों के बावजूद यह प्रणाली न्यायपालिका की स्वायत्तता बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण संस्थागत सुरक्षा तंत्र है। अमेरिका के सीएटल यूनिवर्सिटी में 4 जून को 'द क्वायट सेंटिनल: कोर्ट्स, डेमोक्रेसी एंड द डायलॉग अक्रॉस बॉर्डर्स' विषय पर व्याख्यान देते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली कार्यपालिका और विधायिका के हस्तक्षेप को सीमित करती है, जिससे न्यायिक निष्पक्षता सुरक्षित रहती है। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि कॉलेजियम प्रणाली को पारदर्शिता की कमी और निर्णय प्रक्रिया में स्पष्ट मानदंडों की अनुपस्थिति के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में...