नई दिल्ली, सितम्बर 12 -- Saptami Shradh 2025: इस समय पितृपक्ष चल रहा है। पितृपक्ष में पूर्वजों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में श्रद्धापूर्वक किए गए कर्म से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। शास्त्रों अनुसार जिस व्यक्ति की मृत्यु किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की या कृष्ण पक्ष की जिस तिथि को होती है उसका श्राद्ध कर्म पितृपक्ष की उसी तिथि को ही किया जाता है। शास्त्रों में यह भी विधान दिया गया है कि यदि किसी व्यक्ति को आपने पूर्वजों के देहांत की तिथि ज्ञात नहीं है तो ऐसे में इन पूर्वजों का श्राद्ध कर्म अश्विन अमावस्या को किया जा सकता है। इस के अलावा दुर्घटना का शिकार हुए परिजनों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को किया जा सकता है। 13 सितंबर 2025, शनिवार क...