नई दिल्ली, मार्च 26 -- 26 मार्च को दुनियाभर में पर्पल डे मनाया जाता है। जिसका एकमात्र उद्देश्य मिर्गी की बीमारी को लेकर लोगों में जागरुकता पैदा करना है। इस दिन लोग बैंगनी रंग के कपड़े पहनकर इकट्ठा होते हैं और इवेंट ऑर्गनाइज करते हैं। जिससे लोगों को मिर्गी की बीमारी से जुड़े मिथकों के प्रति जागरुक किया जा सके। दरअसल, मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है लेकिन ज्यादातर लोगों के इस बीमारी और उससे जुड़े इलाज को लेकर गलतफहमियां रहती हैं। जिसे दूर करने के लिए ही 9 साल के कैनेडियन कैसिडी मेगन ने 2008 में पर्पल डे मनाने का आइडिया डेवलप किया। दरअसल, वो अपने मिर्गी से जुड़े संघर्षों से प्रेरित होकर दुनियाभर में मिर्गी से जुड़े मिथकों को दूर करना चाहता था।भारत में मिर्गी की स्थिति भारत में मिर्गी की बीमारी की स्थिति काफी चिंताजनक है। यहां आज भी गांव-द...